जनहित याचिका का समर्थन केवल अखबारों की रिपोर्ट नया ट्रेंड खतरनाक प्रवृत्ति, क्या ये प्रचार पाने का तरीका मात्रा है-

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PIL में जिन रिपोर्टों का सहारा लिया गया उन में ईसाई उत्पीड़न के रूप में आरोपित अधिकांश घटनाएं या तो झूठी थीं या गलत तरीके से पेश की गई थीं। PIL में जिन मुद्दों को उठाया जाता है वो सिर्फ प्रचार प्रदान करने वाले मुद्दों होते है जिससे याचिकाकर्ता को प्रसिद्धि प्राप्त हो। PIL याचिकाएं … Read more

संविधान के “अनुच्छेद 21” के तहत ‘निजता के अधिकार’ के इतिहास का विश्लेषण, कैसे, कब और किस प्रकार से जुड़ा ये भारतीय संविधान में –

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गोपनीयता और सुरक्षा चिंताओं के बारे में हालिया विवादों ने निजता के अधिकार से संबंधित मुद्दों पर बहस को सबसे आगे ला दिया है। जबकि भारत के संविधान, 1950 ने स्पष्ट रूप से निजता के मौलिक अधिकार को प्रदान नहीं किया, जबकि सर्वोच्च न्यायालय ने न्यायमूर्ति के.एस. पुट्टस्वामी बनाम भारत संघ में इस अधिकार को … Read more

विधायिका न्यायपालिका के टकराव का चरमोत्कर्ष, जब सदन ने दोनों न्यायमूर्तियों को गिरफ्तार कर विधानसभा के सामने प्रस्तुत करने का दिया आदेश-

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विधान सभा स्पीकर ने याचिका से सीधे जुड़े दोनों न्यायमूर्तियों को और एडवोकेट बी सालोमन को हिरासत में लेकर सदन के समक्ष उपस्थित करने के निर्देश दिए- विधायिका और न्यायपालिका के बीच टकराव का यह चरमोत्कर्ष था जब मजबूर होकर उत्तरप्रदेश विधानसभा को दोनों जजों और वकील को हिरासत में सदन के समक्ष उपस्थित किए … Read more

हिन्दू विवाह एक धार्मिक और कानूनी प्रक्रिया, जिसमे तलाक़ और एकल विवाह अग्रेजो ने जोड़ा, जाने तलाक़ कितने प्रकार से संभव है-

जाने तलाक़ कितने प्रकार से संभव है

अगर आप दूसरी शादी करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको तलाक लेना होगा- Hindu Marriage Act Of 1955 – हमारे देश में हिन्दू विवाह एक धार्मिक और कानूनी प्रक्रिया है. ये Hindu Marriage Act Of 1955 के तहत आता है. अगर आप विवाह (Marriage) के रिश्ते (Relation) से खुश नहीं है और अलग होना … Read more

प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्डरिंग एक्ट के चक्र में कैसे फसें सोनिया राहुल, क्या है ये कानून और इसके अधिकार क्षेत्र, जाने विस्तार से –

PMLA

मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट यानी PMLA के तहत ED केंद्र सरकार की अकेली जांच एजेंसी है, जिसे मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में नेताओं और अफसरों पर मुकदमा चलाने के लिए सरकार से अनुमति नहीं लेनी पड़ती है. धन-शोधन निवारण अधिनियम, २००२ (Prevention of Money Laundering Act, 2002) के कारण ईडी ने कांग्रेस के दो सबसे बड़े … Read more

POCSO ACT: क्यों कब और कैसे बना बच्चों के यौन संरषण का हथियार, अब होगी फांसी की सजा, जाने विस्तार से-

POCSO Act 2012

साक्षी केस SAKSHI CASE के बाद से ही पोक्सो अधिनियम POCSO ACT की नीव पड़ी जब सुप्रीम कोर्ट ने बाल यौन अपराधों से निपटने में भारतीय दण्ड संहिता INDIAN PENAL CODE को अपर्याप्त पाया- सुप्रीम कोर्ट SUPREME COURT ने साक्षी केस Sakshi vs. Union of India: (1999) 6 SCC 591 में बाल यौन शोषण से … Read more

संविधान का अनुच्छेद 142 या सर्वोच्च न्यायालय का साधन जिसके दायरे और नियमों के तहत पेरारिवलन रिहा हुआ-

संविधान का अनुच्छेद 142

सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गए कई न्यायिक निर्णयों के पश्चात् पुनः अनुच्छेद 142 की सार्थकता का मुद्दा उभर आया- भारत के सर्वोच्च न्यायालय Supreme Court ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी ए जी पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी आर गवई की बेंच ने भारतीय … Read more

सुप्रीम कोर्ट: वेश्यावृति अपराध नहीं एक पेशा, सेक्स वर्करों और उसके ग्राहक के खिलाफ पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर सकती-

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भारत के सर्वोच्च कोर्ट ने वेश्यावृत्ति को अपराध नहीं वरन एक पेशा माना है। यह पहली बार है जब देश के शीर्ष अदालत की ओर से वेश्यावृत्ति को लेकर इस तरह का आदेश दिया गया है। कोर्ट ने साफ कहा कि सहमति से यह कार्य करने वाले सेक्स वर्करों और उसके ग्राहक के खिलाफ पुलिस … Read more

संविधान का ‘आर्टिकल 355’ क्या है? जिसे बंगाल में लागू करने की मांग हो रही है, ‘आर्टिकल 356’ यानी राष्ट्रपति शासन से अलग क्या है?

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आर्टिकल 355 राज्य की कानून व्यवस्था में केंद्र को दखल करने का अधिकार देता है- पश्चिम बंगाल के बीरभूम में जारी हिंसा के बीच कांग्रेस ने राज्य में आर्टिकल 355 लागू करने की मांग की है। लोकसभा में कांग्रेस के सांसद अधीर रंजन चौधरी (Congress MP Adhir Ranjan Chaudhary) ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram … Read more

भारत के संविधान के अंतर्गत ‘प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता’ की संरक्षण की व्याख्या। क्या इसमें ‘जीविका का अधिकार’ भी शामिल है? लैंडमार्क वादों के डिटेल्स के साथ-

Preamble Of The Indian Constitution Sci

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 अत्यंत महत्वपूर्ण है। देश काल समय और परिस्थिति के अनुसार इस अनुच्छेद का दायरा बढ़ता गया है। यह व्यक्तियों को प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण प्रदान करता है। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 का मूल पाठ इस प्रकार है- किसी व्यक्ति को उसके प्राण या दैहिक स्वतंत्रता से विधि … Read more