छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय: व्यभिचार में लिप्त तलाकशुदा पत्नी को नहीं मिलेगा भरण-पोषण

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छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय: व्यभिचार में लिप्त तलाकशुदा पत्नी को नहीं मिलेगा भरण-पोषण मामले का संक्षेप: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की एकलपीठ ने Resham Lal Dewangan v. Suman Dewangan (CRR No. 1322/2024 व CRR No. 58/2025) में फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया कि व्यभिचार (adultery) में लिप्त तलाकशुदा पत्नी को भरण-पोषण की मांग का … Read more

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 3244 दिन की देरी से दायर द्वितीय अपील को ठुकराया, कहा—वजह अस्पष्ट और अविश्वसनीय

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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 3244 दिन की देरी से दायर द्वितीय अपील को ठुकराया, कहा—वजह अस्पष्ट और अविश्वसनीय धारा 5, परिसीमा अधिनियम के तहत विलंब माफी | 11 वर्षों की देरी | द्वितीय अपील की अस्वीकृति रायपुर, अप्रैल 2025: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बद्री प्रसाद बनाम रामदास गोंड (एलआरएस के माध्यम से) एवं अन्य वाद में द्वितीय … Read more

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने आवारा मवेशियों की समस्या के खिलाफ कार्रवाई के लिए PIL पर सुनवाई की

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[ad_1] छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने हाल ही में संजय रजक द्वारा दायर एक जनहित याचिका Public Interst Litigation पर सुनवाई की, जिसमें राज्य सरकार को राज्य में राजमार्गों और सड़कों पर आवारा मवेशियों के खतरे को रोकने के लिए प्रभावी उपाय करने के निर्देश देने की मांग की गई थी। अदालत इस मुद्दे के समाधान … Read more

बैंक के पैनल में शामिल अधिवक्ता के खिलाफ दर्ज धोखाधड़ी के मामले को खारिज किया, क्योकि अन्य आरोपियों और उनके बीच कोई सक्रिय मिलीभगत नहीं – HC

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छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने भारतीय स्टेट बैंक के पैनल में शामिल अधिवक्ता के खिलाफ दर्ज धोखाधड़ी के मामले को खारिज कर दिया है। उच्च न्यायालय ने पाया कि अधिवक्ता और बैंक के साथ धोखाधड़ी करने वाले अन्य आरोपियों के बीच कोई सक्रिय मिलीभगत नहीं है। प्रस्तुत याचिका दंड प्रक्रिया संहिता,1973 की धारा 482 के तहत … Read more

अचानक झगड़े के बाद आवेश में लड़ाई में बिना किसी पूर्व विचार के अपराध : सुप्रीम कोर्ट ने IPC SEC 302 के तहत दोषसिद्धि को IPC SEC 304 में बदला

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सर्वोच्च न्यायालय ने धारा 302 के तहत एक व्यक्ति की दोषसिद्धि को धारा 304 आईपीसी के भाग 1 के तहत बदल दिया, जबकि यह देखा कि अपीलकर्ताओं द्वारा अचानक झगड़े के बाद आवेश में अचानक लड़ाई में बिना सोचे-समझे अपराध किए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। यह अपील छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय … Read more

जब अपराध करने का कोई स्थापित मकसद नहीं, तो केवल हथियार की बरामदगी दोषसिद्धि का आधार नहीं, हत्या के मामले में चार लोगों को किया बरी – छत्तीसगढ़ HC

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छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने 2017 के हत्या के मामले में चार लोगों को बरी करते हुए कहा कि जब अपराध करने का कोई स्थापित मकसद नहीं है, तो केवल हथियार की बरामदगी दोषसिद्धि का आधार नहीं बन सकती। आरोपियों ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के उस फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी, जिसके तहत ट्रायल … Read more

छत्तीसगढ़ HC ने CrPC Sec 439 के तहत आरोपी के नियमित जमानत पर सुनवाई करते हुए BNSS 2023 का किया उल्लेख, ट्रायल कोर्ट को मामले पर तेजी से आगे बढ़ने का दिया निर्देश

bilaspur high court BNSS 12

जमानत आवेदन पर सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), 2023 का हवाला दिया, जिसने 01.07.2024 से दंड प्रक्रिया संहिता की जगह लागू किया गया है। धारा 439 सीआरपीसी के तहत आरोपी ने नियमित जमानत के लिए हाईकोर्ट के समक्ष आवेदन दायर किया। आरोपी को आईपीसी की धारा 420, 409, 467, … Read more

तलाकशुदा पत्नी पति की पेंशन पर नहीं जता सकती हक, हाई कोर्ट ने न्याय मित्रों के सहयोग से दिया फैसला

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तलाक हो जाने के बाद पति का वैवाहिक दायित्व समाप्त हो जाता है, इसी तरह पत्नी के अधिकार भी समाप्त हो जाते हैं Chhattisgarh High Court छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने तलाकशुदा पति-पत्नी के मामले में एक बड़ा फैसला किया है। दरअसल, एक तलाकशुदा पत्नी ने पति की मौत के बाद पारिवारिक पेंशन व अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त … Read more

Live-in Relationship अभी भी भारतीय संस्कृति में एक “कलंक”, क्योंकि ऐसे रिश्ते भारतीय सिद्धांतों की सामान्य अपेक्षाओं के विपरीत : छत्तीसगढ़ HC

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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक यचिका को खारिज करते हुए Live-in Relationship को लेकर सख्त टिप्पणी की है। हाई कोर्ट ने कहा कि समाज के कुछ संप्रदायों में अपनाए जाने वाले Live-in Relationship अभी भी भारतीय संस्कृति में एक “कलंक” के रूप में बने हुए हैं। क्योंकि ऐसे रिश्ते भारतीय सिद्धांतों की सामान्य अपेक्षाओं के विपरीत … Read more

राज्य की अनुमति के बिना दूसरी शादी: SC ने द्विविवाह के कारण सरकारी कर्मचारी की सेवा से बर्खास्तगी को रखा बरकरार

न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति संजय कुमार

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से पूर्व अनुमति प्राप्त किए बिना दूसरी शादी करने पर एक सरकारी कर्मचारी को द्विविवाह के कारण सेवा से बर्खास्त करने के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। याचिकाकर्ता को सिविल सेवा आचरण नियमों की धारा 22, पैरा ‘1’ और ‘2’ का उल्लंघन करने के लिए सेवा … Read more