सुप्रीम कोर्ट पंहुचा शवों के अंतिम संस्कार का मामला, जानिए क्‍या है इस धर्म में शवों के अंतिम संस्‍कार का तरीका?

parsi funeral

अंतिम संस्‍कार के तरीके पर सुप्रीम कोर्ट में लगी याचिका  केंद्र सरकार ने तरीके पर रोक लगाने की मांग  पारसी धर्म में शव का खास तरीके से होता है अंतिम संस्‍कार हर धर्म-संप्रदाय में शादी-ब्‍याह से लेकर अंतिम संस्‍कार तक के अपने तरीके और रस्‍मो-रिवाज होते हैं. जैसे हिंदू और सिख धर्म के अनुयायी शव … Read more

POCSO COURT का त्वरित निर्णय, 90 दिनों में 3 साल की बच्ची से रेप और हत्या के दोषी को सजाए मौत-

कचरे वाले ने हैवानियत की सारी हदें पार कर 7 साल की बच्ची से किया दुष्कर्म, कोर्ट ने हैवान मान दिया तीन बार मृत्यदंड की सजा

कोर्ट में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश वर्मा और शासकीय अधिवक्ता सहदेव गुप्ता ने न्यायालय के समक्ष देशभर के कई चर्चित मामलों की रूलिंग पेश की- Fatehpur POCSO COURT Death Sentence: शासकीय अधिवक्ता सहदेव गुप्ता ने बताया कि खागा कोतवाली क्षेत्र के सुजरही गांव में 15 अक्टूबर 2021 की दोपहर 3 साल की बच्ची की रेप … Read more

शीर्ष अदालत ने पटना उच्च न्यायलय के निर्णय को ठहराया सही, केंद्र और राज्य सरकार का बचा करीब तीन हजार करोड़ राजस्व-

patana high court

सर्वोच्च अदालत द्वारा पटना उच्च न्यायलय के उस निर्णय पर अपनी मुहर लगा दी है, जिससे केंद्र व राज्य सरकार को तकरीबन तीन हज़ार करोड़ रुपए से अधिक की राजस्व की बचत हुई है। विगत 4 जनवरी, 2022 को शीर्ष अदालत ने पटना उच्च न्यायलय द्वारा 22 अप्रैल, 2019 को सुनाए गए एक अहम निर्णय … Read more

आपराधिक मामलों के संदर्भ में सर्वाधिक प्रचलित शब्द ज़मानत Bail है, जानिए क्या है “जमानत” का कानून!

दंड प्रक्रिया संहिता 1973

आपराधिक मामलों के संदर्भ में सर्वाधिक प्रचलित शब्द ज़मानत होता है। जब भी कोई व्यक्ति किसी प्रकरण में अभियुक्त बनाया जाता है और अन्वेषण (Investigation), जांच (Inquiry) और विचारण (Trial) के लंबित रहते हुए उस व्यक्ति को कारावास में रखा जाता है तब ज़मानत शब्द, उस अभियुक्त के लिए सबसे अधिक उपयोग में लाया जाता … Read more

सरकार ला रही मंदिरों पर कानून, इस राज्य में 35,500 पूजा स्थल होंगे मुक्त-

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कर्नाटक में मंदिरों को सरकार के हाथों से मुक्त कर निजी हाथों में सौंपा जा रहा है. इस फैसले से राज्य में सियासी बहस छिड़ गई है. कांग्रेस ने इस फैसले का विरोध किया है, जबकि भाजपा का कहना है कि यह फैसला बहुत पहले हो जाना चाहिए था. भाजपा समर्थकों का कहना है कि … Read more

उच्च न्यायलय ने कहा ‘शॉपिंग मॉल कार पार्किंग फीस नहीं ले सकते है’-

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केरल उच्च न्यायलय ने शुक्रवार को लुलु इंटरनेशनल शॉपिंग मॉल द्वारा अपने ग्राहकों से पार्किंग पैसा लेने का आरोप लगाने वाली दो याचिकाओं पर फैसला कि माल द्वारा प्रथम दृष्टया पार्किंग फीस लेना उचित नहीं है। न्यायमूर्ति पी.वी. कुन्हीकृष्णन ने इस सवाल पर कलामास्सेरी नगर पालिका से स्पष्ट जवाब मांगा और मामले को दो सप्ताह … Read more

वाराणसी से वाडिप्पट्टि तक ‘गायें पवित्र’ हैं, कोई उनका मजाक उड़ाने की हिम्मत नहीं कर सकता – हाईकोर्ट

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उच्च न्यायलय ने कहा कि देशभर में राष्ट्रीय सुरक्षा ‘परम पवित्र गाय’ है. अदालत ने एक व्यक्ति के खिलाफ दर्ज पुलिस की प्राथमिकी(FIR) रद्द करते हुए यह टिप्पणी की. अदालत ने कहा, ‘प्राथमिकी(FIR) दर्ज करना ही बेतुका और कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है. इसे रद्द किया जाता है.’ अदालत ने पश्चिम बंगाल में टैगोर, तमिल … Read more

संसद में राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास ने कहा, न्यायिक स्वतंत्रता को विकृत कर रहा कॉलेजियम सिस्टम-

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संसद में सांसद जॉन ब्रिटास ने कहा, “1950-1970 तक के भारत के 47 मुख्य न्यायाधीशों में से अब तक कम से कम 14 ब्राह्मण रहे हैं. सर्वोच्च न्यायालय की अधिकतम शक्ति 14 न्यायाधीशों की थी और उनमें से 11 ब्राह्मण थे, क्या यह सम्मानित सदन हैरान होगा, ध्यान दें कि 1980 तक देश के सर्वोच्च … Read more

देश की न्यायप्रणाली पर हावी हो रही ट्रोल आर्मी ? न्यायाधीशों को सता रहा बदनामी व् ट्रोल होने का डर-

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एक लाइन में कहें तो ये घटना भारत की न्यायिक व्यवस्था और लोकतंत्र के लिए बहुत ही खतरनाक ट्रेंड की शुरुआत है. क्योंकि अगर ट्रोल आर्मी हमारे देश की अदालतों और जजों पर हावी हो जाएगी, उन्हें बदनामी और अपमान का डर दिखाएगी, तो न्याय बचेगा ही नहीं. जब कोई विवाद तमाम कोशिशों के बाद … Read more

अभियुक्त के पास अगर नहीं है ज़मानतदार तब कानून में क्या है प्रावधान, जानिए विस्तार से केस विवरण के साथ –

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ज़मानत के लिए गिड़गिड़ाना तथा किसी व्यक्ति से अपने प्रकरण में प्रतिभू बनने हेतु निवेदन करना अपनी गरिमा एवं प्रतिष्ठा को ठेंस पहुंचाने जैसा है। यह गरिमा एवं प्रतिष्ठा किसी व्यक्ति को संविधान के अंतर्गत दिए गए मूल अधिकारों में निहित है। संपूर्ण भारत में कोई अभियुक्त (Accused) किसी अन्य स्थान पर निवास करता है … Read more