कॉपीराइट विवाद में Jubilant Generics की जीत — इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा: ‘प्रोडक्ट डॉसियर’ का अनधिकृत उपयोग उल्लंघन है

“कॉपीराइट का मुख्य उद्देश्य रचनात्मक कार्य की रक्षा है; संविदात्मक सीमाओं का उल्लंघन कॉपीराइट के मूल अधिकारों पर अतिक्रमण है।”

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने Jubilant Generics Ltd. के प्रोडक्ट डॉसियर के कॉपीराइट उल्लंघन मामले में Jamp India और VS International की अपील खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा, प्रोडक्ट डॉसियर साहित्यिक कृति है और इसकी बिना अनुमति भारत में मैन्युफैक्चरिंग करना उल्लंघन है।


कॉपीराइट उल्लंघन पर इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: Jubilant Generics को राहत, Jamp India की अपील खारिज

⚖️ कॉपीराइट विवाद में Jubilant Generics की जीत — इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा: ‘प्रोडक्ट डॉसियर’ का अनधिकृत उपयोग उल्लंघन है

लखनऊ, 29 अक्टूबर 2025:
इलाहाबाद हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच — मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेन्द्र — ने एक अहम फैसले में कहा कि फार्मास्युटिकल कंपनी Jubilant Generics Ltd. के “प्रोडक्ट डॉसियर” का अनधिकृत उपयोग कॉपीराइट उल्लंघन है। अदालत ने कहा कि Commercial Court, गौतम बुद्ध नगर के निष्कर्ष “अविवेकी या मनमाने नहीं” हैं और अपील करने वाले Jamp India तथा VS International ने कॉपीराइट का उल्लंघन किया है।


🧾 पृष्ठभूमि: प्रोडक्ट डॉसियर पर विवाद

Jubilant Generics Ltd., जो Jubilant Life Sciences की उत्तराधिकारी कंपनी है, ने कई दवाओं के लिए “प्रोडक्ट डॉसियर” तैयार किए थे — जिनमें संवेदनशील तकनीकी व शोध संबंधी डेटा शामिल था। इन डॉसियरों को Copyright Act, 1957 की धारा 2(o) के तहत साहित्यिक कृति माना गया।

Jubilant ने Jamp Pharma Corporation (कनाडा) के साथ एक Non-Exclusive Licence Agreement किया था, जिसके तहत उसे केवल कनाडा में उत्पाद निर्माण और वितरण की अनुमति थी। बाद में पता चला कि Jamp Pharma ने यह तकनीक अपनी भारतीय इकाइयों — Jamp India और VS International — को स्थानांतरित कर दी, जो भारत में उत्पादन कर रहे थे।

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⚖️ Commercial Court का आदेश और अपील

Jubilant ने जब इस तकनीकी स्थानांतरण का पता लगाया, तो उसने Commercial Court, गौतम बुद्ध नगर में वाद दायर किया। कोर्ट ने Jubilant के पक्ष में अंतरिम निषेधाज्ञा (Injunction) जारी करते हुए कहा कि बिना अनुमति डॉसियर का उपयोग कॉपीराइट उल्लंघन है।

इसके खिलाफ Jamp India और VS International ने अपील दायर की, यह कहते हुए कि:

  1. यह मामला संविदात्मक विवाद (Contractual Dispute) है, न कि कॉपीराइट उल्लंघन।
  2. विवाद पहले से ही कनाडा में मध्यस्थता (Arbitration) के लिए लंबित है।
  3. Commercial Court को क्षेत्रीय अधिकार (Jurisdiction) नहीं था।

🏛️ हाईकोर्ट की दलीलें और निर्णय

1. अधिकार क्षेत्र (Jurisdiction)

कोर्ट ने कहा कि Jubilant का कार्यालय नोएडा में है और कथित उल्लंघन का हिस्सा वहीं हुआ।

“कॉपीराइट एक्ट की धारा 62(2) के तहत वादी को हर उस स्थान पर मुकदमा दायर करने की आवश्यकता नहीं जहां उल्लंघन हुआ हो; वह अपने स्थान पर मुकदमा दायर कर सकता है।”

Jamp India ने Greater Noida के iPHEX-2024 एक्सपो में अपने उत्पादों का प्रचार किया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि उल्लंघन क्षेत्राधिकार में हुआ।


2. कॉपीराइट बनाम संविदा विवाद

कोर्ट ने कहा कि यद्यपि समझौता हुआ था, परंतु यह केवल कनाडा तक सीमित था

“समझौते की शर्तें स्पष्ट थीं — लाइसेंस कनाडा की सीमाओं से बाहर लागू नहीं होगा।”

अतः, भारत में उत्पादन और विपणन करना स्पष्ट रूप से कॉपीराइट का उल्लंघन था।


3. मध्यस्थता (Arbitration) का प्रभाव

Jamp India ने यह तर्क दिया कि मामला कनाडा में मध्यस्थता के अधीन है।
कोर्ट ने Booz Allen & Hamilton v. SBI Home Finance (2011) और Vidya Drolia v. Durga Trading (2021) का हवाला देते हुए कहा कि —

“कॉपीराइट जैसे Rights in rem विवाद मध्यस्थता योग्य नहीं हैं; इन्हें केवल सार्वजनिक न्यायिक अधिकार से निपटाया जा सकता है।”

इसलिए, भारत में कॉपीराइट उल्लंघन के खिलाफ मुकदमा पूरी तरह वैध था।

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4. पूर्व-मध्यस्थता छूट (Section 12A of CC Act)

Jamp India ने दावा किया कि Pre-Institution Mediation नहीं की गई।
कोर्ट ने कहा कि यह मामला तत्काल अंतरिम राहत (Urgent Interim Relief) से जुड़ा था, इसलिए Commercial Court द्वारा छूट देना सही था।


🧩 निष्कर्ष

हाईकोर्ट ने कहा कि Jubilant ने अपने प्रोडक्ट डॉसियर के स्वामित्व और मौलिकता को साबित किया है।

“कॉपीराइट का मुख्य उद्देश्य रचनात्मक कार्य की रक्षा है; संविदात्मक सीमाओं का उल्लंघन कॉपीराइट के मूल अधिकारों पर अतिक्रमण है।”

अदालत ने कहा कि Jubilant के पक्ष में प्राइमा फेसी केस, बैलेंस ऑफ कन्वीनियंस और इर्रिपेरेबल लॉस — तीनों मानदंड पूरे होते हैं।


🏁 निर्णय

  • Commercial Court का आदेश सही ठहराया गया।
  • Jubilant के पक्ष में निषेधाज्ञा (injunction) जारी रहेगी।
  • Arbitration या स्थानिक अधिकार का कोई अवरोध नहीं।
  • Appellants (Jamp India और VS International) ने कॉपीराइट उल्लंघन किया

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