7500 या उससे अधिक कनेक्शन वाले केबल टीवी ऑपरेटरों पर लग्ज़री टैक्स असंवैधानिक नहीं: सुप्रीम कोर्ट

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7500 या उससे अधिक कनेक्शन वाले केबल टीवी ऑपरेटरों पर लग्ज़री टैक्स असंवैधानिक नहीं: सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि 7500 या उससे अधिक कनेक्शन रखने वाले केबल टीवी ऑपरेटरों पर लग्ज़री टैक्स (या मनोरंजन कर) लगाना असंवैधानिक नहीं है। यह निर्णय देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों—जैसे कि इलाहाबाद, दिल्ली, … Read more

सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन आइडिया और एयरटेल की AGR ब्याज माफी याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन आइडिया और एयरटेल की AGR ब्याज माफी याचिका खारिज की सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वोडाफोन आइडिया Vodafone Idea और भारती एयरटेल Bharti Airtel की एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) ड्यूज पर ब्याज माफ करने की याचिका खारिज कर दी। जस्टिस जेबी पारदीवाला और आर महादेवन की पीठ ने इन याचिकाओं को “गलतफहमी पर … Read more

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय: कॉरपोरेट डेब्टर के KMP को भेजा गया डिमांड नोटिस ‘सेवा’ मानी जाएगी, NCLT और NCLAT का आदेश रद्द

Supreme Court Of India

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय: कॉरपोरेट डेब्टर के KMP को भेजा गया डिमांड नोटिस ‘सेवा’ मानी जाएगी, NCLT और NCLAT का आदेश रद्द 🧑‍⚖️ Visa Coke Ltd बनाम MESCO Kalinga Steel Ltd मामला सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि यदि कॉरपोरेट डेब्टर के Key Managerial Personnel (KMP) को उसके पंजीकृत कार्यालय पते … Read more

सुप्रीम कोर्ट ने नकद लेनदेन (₹2 लाख से अधिक) वाले मामलों में आयकर विभाग को सूचित करना अनिवार्य किया

सुप्रीम कोर्ट ने नकद लेनदेन (₹2 लाख से अधिक) वाले मामलों में आयकर विभाग को सूचित करना अनिवार्य किया

  ⚖️ सुप्रीम कोर्ट ने नकद लेनदेन (₹2 लाख से अधिक) वाले मामलों में आयकर विभाग को सूचित करना अनिवार्य किया मामला: 🧾 RBANMS एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन बनाम बी. गुना शेखर एवं अन्य 🆔 न्यूट्रल सिटेशन: 2025 INSC 490 👨‍⚖️ पीठ: न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला एवं न्यायमूर्ति आर. महादेवन 🧾 पृष्ठभूमि (Brief Facts): प्रतिवादी (Plaintiffs) ने एक … Read more

एनसीएलएटी: बैलेंस शीट में कर्ज की स्वीकृति से लिमिटेशन अवधि का निर्धारण

एनसीएलएटी: बैलेंस शीट में कर्ज की स्वीकृति से लिमिटेशन अवधि का निर्धारण

एनसीएलएटी: बैलेंस शीट में कर्ज की स्वीकृति से लिमिटेशन अवधि का निर्धारण राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT), नई दिल्ली ने इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, 2016 (IBC) की धारा 7 के तहत दायर अपील को खारिज करते हुए आदालत द्वारा इसे समय-सीमा से बाहर (Time-Barred) माने जाने के आदेश को बरकरार रखा। मामले की पृष्ठभूमि … Read more

आईबी कोड से संबंधित मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, केंद्र सरकार के सभी बकाया वैधानिक देनदारियों को समाप्त माना जाएगा यदि वे समाधान योजना का हिस्सा नहीं हैं

सुप्रीम कोर्ट

कॉरपोरेट देनदारों के आयकर बकाया जो स्वीकृत समाधान योजना का हिस्सा नहीं थे, उन्हें समाप्त कर दिया जाएगा: सुप्रीम कोर्ट आईबी कोड से संबंधित मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, केंद्र सरकार के सभी बकाया वैधानिक देनदारियों को समाप्त माना जाएगा यदि वे समाधान योजना का हिस्सा नहीं हैं सुप्रीम कोर्ट ने दीवालियापन और … Read more

सुप्रीम कोर्ट का फैसला: वाणिज्यिक ऋण लेने वाला उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत “उपभोक्ता” नहीं

सुप्रीम कोर्ट

सर्वोच्च न्यायालय ने “द चीफ मैनेजर, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया एवं अन्य बनाम एडी ब्यूरो एडवरटाइजिंग प्राइवेट लिमिटेड एवं अन्य” (2025 INSC 288, दिनांक 28 फरवरी 2025) के मामले में यह स्पष्ट किया कि क्या एक वाणिज्यिक उद्देश्य से लिया गया परियोजना ऋण उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 (“अधिनियम”) के तहत “उपभोक्ता” की परिभाषा में आता … Read more

कर्नाटका हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला: शेयर खरीद समझौते को ‘वाणिज्यिक विवाद’ नहीं माना गया

कर्नाटका हाई कोर्ट

शेयर खरीद मामले:  शेयर खरीद मामले में कर्नाटका उच्च न्यायालय ने भास्कर नायडू बनाम अरविंद यादव, WP No. 6985 of 2024 में 27 जनवरी 2025 को एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया। इस निर्णय में कोर्ट ने यह माना कि शेयर खरीद समझौते से उत्पन्न विवाद को “वाणिज्यिक विवाद” के तहत नहीं रखा जा सकता है, जैसा कि … Read more

सुप्रीम कोर्ट Constitution Bench ने मध्यस्थ निर्णयों में संशोधन पर फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 (Arbitration and Conciliation Act, 1996) के तहत न्यायालयों को मध्यस्थ (arbitral) पुरस्कारों में संशोधन करने का अधिकार है या नहीं, इस महत्वपूर्ण कानूनी प्रश्न पर अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की पीठ, जिसमें … Read more

राज्य या उसकी निजी भागीदारी से जुड़े अनुबंध संबंधी मामलों में न्यायिक समीक्षा का दायरा सीमित: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट का निर्देश: तेजाब हमले के पीड़ित मुआवजा विलंब होने पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से संपर्क करें

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि राज्य अथवा उसके किसी उपक्रम द्वारा निजी भागीदारी के साथ किए गए अनुबंधों के मामलों में न्यायिक समीक्षा का दायरा सीमित होता है, विशेष रूप से कार्य और वित्तीय दायित्वों की परिधि को लेकर। यह फैसला मद्रास हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ एक निजी कंपनी द्वारा दायर सिविल … Read more