मद्रास HC ने कोडानाड हत्या मामले में आरोपियों को पूर्व सीएम एडप्पादी और वीके शशिकला से गवाह के तौर पर पूछताछ करने की अनुमति दी

मंदिर के अधिशेष धन का उपयोग शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए नहीं किया जा सकता - मद्रास उच्च न्यायालय

Kodanad Murder Case : मद्रास उच्च न्यायालय ने कोडनाड हत्या मामले Kodanad Murder Case में आरोपियों को पूर्व मुख्यमंत्री थिरु. एडप्पादी के. पलानीस्वामी Former CM Edappadi और वी.के. शशिकला नटराजन को गवाह WITNESS के तौर पर पूछताछ करने की अनुमति दे दी है। न्यायालय सत्र न्यायाधीश के आदेश को चुनौती देने वाले एक आपराधिक पुनरीक्षण … Read more

सुप्रीम कोर्ट ने निवेशक धोखाधड़ी मामले में जमानत के लिए 3 करोड़ रुपये जमा करने की शर्त को खारिज करते हुए जमानत बहाल की

Supreme Court Of India 17112024

“न्यायालय को ऐसी शर्तें नहीं लगानी चाहिए जो न्याय से वंचित करने के समान हों।” सुप्रीम कोर्ट Supreme Court ने मद्रास हाईकोर्ट Madras High Court के उस आदेश को खारिज कर दिया है, जिसमें जमानत के लिए एक आवेदक को 3 करोड़ रुपए जमा कराने की शर्त रखी गई थी। हालांकि, कोर्ट ने आरोपी को … Read more

विश्व स्तर पर प्रसिद्ध डेनिश खिलौना कंपनी लेगो के लिए Trademark Dispute में महत्वपूर्ण जीत- Madras High Court

Madras High Court

विश्व स्तर पर प्रसिद्ध डेनिश खिलौना कंपनी लेगो के लिए एक महत्वपूर्ण जीत में, मद्रास उच्च न्यायालय ने हैदराबाद स्थित कैंडी निर्माता लियो फूड्स के खिलाफ ट्रेडमार्क विवाद में खिलौना दिग्गज के पक्ष में फैसला सुनाया है। यह मामला लियो फूड्स द्वारा अपने कैंडी उत्पादों पर लगभग समान चिह्न के उपयोग के इर्द-गिर्द केंद्रित था, … Read more

मद्रास हाईकोर्ट ने कहा की ‘हिंदू विवाह अधिनियम’ के अनुसार पति को बच्चे को देखने का पूरा अधिकार, भले ही वो अलग-अलग रह रहे हों

मद्रास हाईकोर्ट का फैसला: हिंदू और ईसाई के बीच हिंदू रीति-रिवाजों से विवाह वैध नहीं

मद्रास हाईकोर्ट ने एक वैवाहिक विवाद के मामले में अलग रह रहे पति जो बच्ची का पिता है को राहत प्रदान की. हाई कोर्ट ने पिता को अपनी बच्ची से मिलने का मौका प्रदान किया. पति-पत्नि विवाद के बाद अलग रह रहे हैं. इस मामले में बच्ची अपनी मां के साथ रह रही है और … Read more

ट्रिपल तलाक़ मामले में मद्रास हाई कोर्ट ने कहा कि अगर पहली शादी वैध रहते दूसरी शादी करना हिंदू धर्म में क्रूरता है तो मुस्लिमों में क्यों नहीं माना जाना चाहिए

मद्रास हाईकोर्ट का फैसला: हिंदू और ईसाई के बीच हिंदू रीति-रिवाजों से विवाह वैध नहीं

मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै बेंच ने एकतरफा तीन तलाक देने को लेकर कहा कि शौहर की तरफ से तलाक दिए जाने को अगर बीवी ठुकरा रही है तो फिर कोर्ट के जरिए दिलाया गया तलाक ही मान्य होगा। ‘ट्रिपल तलाक’ को सरकार के द्वारा अवैध करार देने के बाद भी कुछ मुस्लिम कट्टरपंथी मानसिकता … Read more

धोखाधड़ी के मामले में आपराधिक कार्यवाही को केवल इसलिए रद्द नहीं किया जा सकता क्योंकि जांच एजेंसी ने नकारात्मक रिपोर्ट दाखिल की है: मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास उच्च न्यायालय अन्ना विश्वविद्यालय में एक छात्रा के साथ कथित यौन उत्पीड़न के मामले में मद्रास HC ने अधिवक्ता के अनुरोध पर स्वतः संज्ञान याचिका शुरू कर एसआईटी गठित की

मद्रास उच्च न्यायालय ने देखा कि सिर्फ इसलिए कि जांच एजेंसी ने एक नकारात्मक रिपोर्ट दायर की है, यह कार्यवाही को रद्द करने का आधार नहीं है। अदालत एक धोखाधड़ी के मामले में आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने की मांग करते हुए सीआरपीसी की धारा 482 के तहत दायर एक आपराधिक मूल याचिका पर सुनवाई … Read more

ईशा फाउंडेशन मामला मद्रास हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर, लड़कियों ने कहा आश्रम में रहना और सन्यासी बनाना उनकी स्वयं की इच्छा, आगे की कार्यवाही पर रोक

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फाउंडेशन के खिलाफ रिटायर्ड प्रोफेसर एस कामराज ने मद्रास हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. आरोप था कि आश्रम में उनकी बेटियों लता और गीता को बंधक बनाकर रखा गया है. मद्रास हाईकोर्ट ने 30 सितंबर को कहा था कि पुलिस ईशा फाउंडेशन से जुड़े सभी क्रिमिनल केसों की डिटेल पेश करे. अगले दिन 1 अक्टूबर … Read more

जब उनकी बेटी ‘शादीशुदा’ तो वह दूसरों की बेटियों को सिर मुंडवाने और ‘संन्यासी’ जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित क्यों कर रहा – हाई कोर्ट का सद्गुरु से सवाल

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मद्रास उच्च न्यायालय सेवानिवृत्त प्रोफेसर एस. कामराज द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिन्होंने आरोप लगाया था कि उनकी 42 और 39 वर्षीय दो बेटियों का ईशा फाउंडेशन में रहने के लिए “दिमाग धोया” गया था। जबकि दोनों महिलाओं ने कहा कि वे स्वेच्छा से फाउंडेशन में रह रही थीं और … Read more

विचाराधीन कैदी के रूप में लंबे समय तक कारावास में रहने के बाद अभियुक्त को ‘निर्दोष बरी’ किए जाने के मामलों में मुआवज़े के लिए दावे किए जा सकते हैं: SC

मंदिरों के गैर-वंशानुगत ट्रस्टियों के चयन में जाति बाधा नहीं बननी चाहिए: सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि भगवान ने जाति के आधार पर वर्गीकरण नहीं बनाया

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि विचाराधीन कैदी के रूप में लंबे समय तक कारावास में रहने के बाद अभियुक्त को निर्दोष बरी किए जाने के मामलों में मुआवज़े के लिए दावे किए जा सकते हैं। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि ‘निर्दोष बरी’ में वे मामले शामिल नहीं हैं, जिनमें गवाह मुकर गए हों या वास्तविक … Read more

नीलामी बिक्री को पूरा करने की प्रक्रिया से संबंधित आईबीबीआई विनियमनों में कोई प्रतिकूल परिणाम नहीं बताए गए हैं, जिससे इसे अनिवार्य माना जाए: सुप्रीम कोर्ट

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सर्वोच्च न्यायालय ने पाया कि भारतीय दिवाला एवं शोधन अक्षमता बोर्ड (परिसमापन प्रक्रिया) विनियम, 2016 (आईबीबीआई विनियम) के विनियम 33 के अंतर्गत अनुसूची-I का नियम 12 नियम 13 से जुड़ा हुआ नहीं है और नियम 13 में कोई प्रतिकूल परिणाम नहीं बताए गए हैं, जिसके कारण इसे अनिवार्य माना जाए। न्यायालय ने पाया कि नियम … Read more