SC ने IPC 498A के तहत दोषसिद्धि को बरकरार रखते हुए सजा अवधि को कम किया क्योंकि उसकी पत्नी वैवाहिक जीवन को पुनर्जीवित करना चाहती थी

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सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के विरुद्ध एक पति द्वारा दायर अपील में अपीलकर्ता को भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए अर्थात ‘क्रूरता’ के तहत दोषसिद्धि को बरकरार रखा, लेकिन इस तथ्य पर विचार करने के बाद उस पर लगाई गई सजा को कम कर दिया कि उसकी पत्न्नी वैवाहिक जीवन को … Read more

पत्नी के गरीब परिवार सदस्यों से अमीरों द्वारा दहेज मांग के मामले बड़े पैमाने पर हैं, HC ने दहेज हत्या मामले में बरी आदेश को खारिज किया-

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दहेज हत्या के एक मामले में आरोपी तीन लोगों को बरी करने को चुनौती देने वाली एक पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह टिप्पणी की पत्नी के गरीब परिवार के सदस्यों से अमीर व्यक्तियों द्वारा दहेज की मांग के मामले बड़े पैमाने पर हैं। बॉम्बे उच्च न्यायालय की औरंगाबाद खंडपीठ ने देखा … Read more

सीनियर न्यायाधीश ने पत्नी की हत्या के जुर्म में आरोपी पति को माना हत्यारा और सुनाई सिर्फ 5 वर्ष की सजा, सुप्रीम कोर्ट ने जज को किया बरखाश्त,

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सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ न्यायाधीश से पूछा, आप धारा 302 और 498A (दहेज उत्पीड़न) ऐसे शब्द हैं जिसे आप जानते हैं फिर भी आप दोषसिद्धि को 304A में बदल देते हैं- मध्य प्रदेश के एक वरिष्ठ न्यायाधीश Senior Judge को अपनी पत्नी को मिट्टी के तेल से आग लगाने और दहेज के लिए आग लगाने … Read more

महिला का विवाह प्रलोभन उपरांत यौन संबंध स्थापित करना और संबंध तोड़ देना, क्या यह बलात्कार नहीं होगा? ‘जेंडर न्यूट्रल’ पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिका –

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यौन उत्पीड़न (354A-354D), रेप (धारा 376), आपराधिक धमकी (धारा 506), महिलाओं के मर्यादा का अपमान (धारा 509), धारा 420 और महिलाओं के प्रति क्रूरता (498A)– महिलाओं Women के खिलाफ यौन अपराधों से संबंधित भारतीय दंड संहिता INDIAN PENAL CODE के किये गए प्रावधानों पर वर्तमान समयास्थिति में पुनर्विचार और संशोधन के निर्देश की मांग करते … Read more

हाई कोर्ट ने कहा IPC की Sec 498A, 354 के तहत अपराधों के दोषसिद्धि की संभावना धूमिल है, समझौता का हवाला देते हुए FIR रद्द की-

High Court of Himachal Pradesh Shimla e1655658257766

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायलय Himanchal Pradesh High Court ने पति के खिलाफ इंडियन पीनल कोड Indian Penal Code की धारा 498A, 354 के तहत दर्ज प्राथमिकी FIR को पक्षों के बीच ‘निपटान’ के आधार पर खारिज करते हुए उन्हें ‘बिना नैतिक अधमता वाले छोटे अपराध’ करार दिया है। न्यायमूर्ति संदीप शर्मा की एकल जज बेंच … Read more