चेको पर प्रबंध निदेशक के जाली हस्ताक्षर होने के वावजूद भी बैंक द्वारा गलत तरीके से भुगतान, मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट का लैंडमार्क निर्णय

Allahabad High Court Landmark

इलाहाबाद हाई कोर्ट के समक्ष नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट से सम्बंधित दो सेकंड अपील सुनवाई के लिए लाया गया है जिसमे वादी ने बैंक पर आरोप लगाया है कि उसके द्वारा चेको कि क्लियरिंग गलत तरीके से कि गई। चेक पर प्रबंध निदेशक के जाली हस्ताक्षर होने के वावजूद भी बैंक द्वारा इन चेको का गलत … Read more

1991 के एक हत्या के मामले में बरी करने के फैसले को खारिज करते हुए राजस्थान हाई कोर्ट ने कहा कि मामूली विरोधाभासों के आधार पर तीन प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता

धोखाधड़ी और जालसाजी के एक कथित मामले में 4 डॉक्टरों को बरी करते हुए HC ने कहा कि जांच की डिग्री और मूल्यांकन की प्रक्रिया उच्च स्तर पर होनी चाहिए

राजस्थान उच्च न्यायालय ने 1991 के एक हत्या के मामले में बरी करने के फैसले को खारिज कर दिया, जबकि यह टिप्पणी की कि ट्रायल कोर्ट ने कुछ मामूली विरोधाभासों के आधार पर तीन प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही को नजरअंदाज कर दिया था। यह आपराधिक अपील अपीलकर्ता-राज्य द्वारा निम्नलिखित राहतों का दावा करते हुए पेश की … Read more

अंततः किसी भी महत्वपूर्ण कानूनी प्रश्न को तैयार किए बिना द्वितीय अपील पर अंतिम रूप से सुनवाई नहीं की जा सकती- सर्वोच्च न्यायालय

यदि अभियुक्त का पीड़ित की हत्या करने का कोई इरादा नहीं, तब भी IPC Sec 301 के तहत द्वेष के हस्तांतरण का सिद्धांत लागू होता है: सुप्रीम कोर्ट

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि जब तक अपील स्वीकार किए जाने के समय या उसके बाद विधि के सारवान प्रश्न तैयार नहीं किए जाते, तब तक द्वितीय अपील पर अंतिम रूप से सुनवाई नहीं की जा सकती। इसलिए उच्च न्यायालय द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया पूरी तरह से अवैध है और सीपीसी की धारा 100 के … Read more