न्यायालय जाने से रोकना है सबसे गंभीर आपराधिक अवमानना: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाई कोर्ट

Preventing from going to court is the most serious criminal contempt: Allahabad High Court 🧾 विधि संवाददाता इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि किसी भी व्यक्ति को न्यायालय जाने से रोकना या डराना, आपराधिक अवमानना का सबसे गंभीर रूप है। यह टिप्पणी न्यायमूर्ति जे.जे. मुनीर ने एक जनहित याचिका Public Interest Litigation … Read more

उच्चतम न्यायालय ने न्यायिकेतर स्वीकारोक्ति पर संदेह और अभियोजन पक्ष की कमजोरियों के कारण ऐतिहासिक मामले में अपीलकर्ता को किया बरी

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सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सुनवाई हेतु यह आपराधिक अपील भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 और 201 में सूचीबद्ध अपराधों के लिए अपीलकर्ता की दोषसिद्धि से संबंधित है। तथ्य- अपीलकर्ता को हत्या (धारा 302) और किसी अपराध के साक्ष्य को गायब करने या किसी अपराधी को पकड़ने के लिए गलत जानकारी प्रदान करने (धारा … Read more

‘आजीवन कारावास नियम है जबकि मौत की सजा अपवाद’ है: राजस्थान HC ने 4 साल की बच्ची से बलात्कार और हत्या के लिए व्यक्ति की मौत की सजा को कम कर दिया

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राजस्थान उच्च न्यायालय, जयपुर खंडपीठ ने चार साल की बच्ची से बलात्कार और हत्या के दोषी व्यक्ति की मौत की सजा को रद्द कर दिया है और इसे आजीवन कारावास में बदल दिया है। कोर्ट ने कहा कि यह मामला दुर्लभतम मामले के दायरे में नहीं आता है। आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) की धारा 363, … Read more

ट्रायल कोर्ट का रिकॉर्ड हुआ गुम, दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्णय के 19 सालों बाद गैर इरादतन हत्या सजा को किया रद्द

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प्रस्तुत अपील सजा और सजा के आदेश को चुनौती देने वाली अपील है ASJ, दिल्ली द्वारा दिनांक 20.10.2003 और 23.10.2003 को पारित किया गया। अपीलकर्ता को धारा 304(भाग II)/34 के तहत आरोपों का दोषी ठहराया गया है आईपीसी और जुर्माने के साथ 6 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई रुपये का 25,000/-, जिसका भुगतान किया … Read more