महिला जज से बदसलूकी पर हाईकोर्ट गम्भीर, कहा ये तो न्यायतंत्र को खतरे में डाल देगा : वकील का किसी भी कोर्ट में वकालत करने पर प्रतिबंध

उच्च न्यायालय ने कहा कि महिला जज को लगातार अपमानित करना और धमकी देना गंभीर मामला है । इससे कड़ाई से नहीं निपटा गया तो न्याय तंत्र समाप्त हो जाएगा।

हाई कोर्ट ने एसएसपी बुलंदशहर को महिला जज की सुरक्षा करने और आरोपी वकील की हरकत के लिए उनके खिलाफ अलग से कानूनी कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है।

न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र तथा न्यायमूर्ति शिव शंकर प्रसाद की पीठ ने बुलंदशहर जिला अदालत की खुर्जा कोर्ट के वकील भारत सिंह के पूरे उत्तर प्रदेश की किसी भी अदालत में वकालत करने पर रोक लगा दी है। साथ ही 21 जनवरी को उन्हें पेश होने का निर्देश दिया है। वकील पर खुर्जा अदालत की एक महिला जज के साथ बदसुलूकी करने और बार-बार धमकाते हुए जीवन सुरक्षा को खतरा पैदा करने के आरोप में हाईकोर्ट में आपराधिक अवमानना कार्यवाही चल रही है।

हाई कोर्ट ने एसएसपी बुलंदशहर को महिला जज की सुरक्षा करने और आरोपी वकील की हरकत के लिए उनके खिलाफ अलग से कानूनी कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है। साथ ही साथ उच्च न्यायालय ने जिला जज को भी महिला जज की सुरक्षा के इंतजाम का आदेश दिया है ताकि अदालती कार्यवाही में किसी प्रकार का व्यवधान न होने पाए।

कोर्ट ने कहा, आरोपी वकील के हाथों कानून व्यवस्था को हवा में उड़ाते नहीं देखा जा सकता। महिला जज को लगातार अपमानित करना और धमकी देना गंभीर मामला है । इससे कड़ाई से नहीं निपटा गया तो न्याय तंत्र समाप्त हो जाएगा। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र तथा न्यायमूर्ति शिव शंकर प्रसाद की खंडपीठ ने अवमानना केस की सुनवाई करते हुए दिया है।

ALSO READ -  CHEQUE BOUNCE होने के स्थिति में भी NI Act sec 138 के अंतरगर्त होगी कार्यवाही, भले वो चेक Security के रूप में दिया गया हो - Supreme Court

इस मामले के तहत 1 जुलाई 22 को खुर्जा की न्यायालय में महिला जज के साथ बदसुलूकी करने के आरोप में वकील भारत सिंह के खिलाफ आपराधिक अवमानना कार्यवाही संदर्भित की गई! कोर्ट ने आरोपी वकील को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। किसी न किसी बहाने सुनवाई टली रही। जवाब दाखिल न करते हुए फिर से समय मांगा गया।

उच्च न्यायालय के विशेष अधिवक्ता सुधीर मेहरोत्रा ने अदालत को बताया कि इस घटना के बाद प्रशासनिक न्यायाधीश को भी महिला जज ने रिपोर्ट भेजी है। इसमें कहा गया है कि 20 सितंबर तथा 21दिसंबर को उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया। उसे कोर्ट से उठकर अपने चैंबर में जीवन रक्षा करनी पड़ी।

प्रशासनिक न्यायाधीश की रिपोर्ट में भी जज की सुरक्षा को गंभीर खतरा बताते हुए गैर जिम्मेदाराना हरकत को गंभीरता से लेने को कहा है। इस पर कोर्ट ने सख्त कदम उठाते हुए वकील के खिलाफ अलग से कानूनी कार्रवाई सहित अवमानना मामले में हाजिर होने का निर्देश दिया है।

इस मामले की अगली सुनवाई 21 जनवरी को होगी।