सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: स्थानीय क्षेत्र में सामान भेजे बिना भी एंट्री टैक्स देना होगा, ‘कारण बनना’ ही काफी

Supreme Court’s big decision: Entry tax will have to be paid even without sending goods to the local area, ‘having a reason’ is enough


सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि यदि कोई निर्माता अपनी गतिविधियों से किसी वस्तु को स्थानीय क्षेत्र में भेजने का ‘कारण बनता है’, तो वह मध्य प्रदेश एंट्री टैक्स अधिनियम, 1976 के तहत कर देनदारी से बच नहीं सकता—even if they don’t physically move the goods themselves.

न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति के.वी. विश्वनाथन की पीठ ने साफ किया कि “सामान के प्रवेश का कारण बनना” ही कर देनदारी के लिए पर्याप्त है।


⚖️ मामले की पृष्ठभूमि: किसने शराब भेजी?

United Spirits Ltd. (USL) ने तर्क दिया कि वह सिर्फ शराब का विक्रय राज्य सरकार द्वारा संचालित गोदामों को करता है और उसका आगे के परिवहन में कोई हाथ नहीं होता। इसलिए उस पर एंट्री टैक्स नहीं बनता।

लेकिन राज्य सरकार ने यह दावा ठुकरा दिया, यह कहते हुए कि USL ही वह पक्ष है जिसने स्थानीय क्षेत्र में माल प्रवेश का “प्रारंभ किया”, भले ही ट्रक उसने नहीं चलाया हो।


🧾 सुप्रीम कोर्ट का रुख: “ट्रक चलाना जरूरी नहीं, शुरुआत करना ही काफी है”

पीठ ने कहा:

कानून यह नहीं कहता कि आपको ट्रक स्वयं चलाना चाहिए। यदि आपके क्रियाकलापों से माल स्थानीय क्षेत्र में प्रवेश करता है, तो आप कर के लिए उत्तरदायी हैं।

USL द्वारा स्थानीय क्षेत्रों में स्थित राज्य गोदामों को बिक्री करने की बात को कोर्ट ने ‘प्रवेश का कारण’ मानते हुए एंट्री टैक्स देनदारी को जायज ठहराया।

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🔔 धारा 3B की अधिसूचना की आवश्यकता नहीं

USL ने यह भी तर्क दिया कि धारा 3B के तहत कोई अधिसूचना जारी नहीं हुई, इसलिए टैक्स वसूल नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने इसे भी खारिज करते हुए कहा कि:

धारा 14 के तहत पहले से ही पर्याप्त प्रक्रिया उपलब्ध है। अलग अधिसूचना की प्रतीक्षा की आवश्यकता नहीं।


📌 फैसले का व्यापक प्रभाव:

  1. परिहार की रणनीति विफल: निर्माता layered contractual structures का उपयोग करके टैक्स से नहीं बच सकते।
  2. राज्यों को मजबूती: पुराने कानूनों के तहत टैक्स वसूली के लिए अब नई अधिसूचना की जरूरत नहीं।
  3. “आर्थिक सच्चाई” > “कानूनी रूपरेखा”: सुप्रीम कोर्ट ने substance-over-form सिद्धांत को दोहराया।

📚 कानूनी विश्लेषण

यह फैसला एंट्री टैक्स की “दायित्व सिद्धि” की परिभाषा का दायरा बढ़ाता है और कर प्रशासन को यह अधिकार देता है कि वह केवल ट्रांसपोर्टर को नहीं, बल्कि वास्तविक कारोबारी चालक (economic initiator) को भी उत्तरदायी ठहराए।

संक्षेप में, अगर आपकी बिक्री से माल स्थानीय क्षेत्र में पहुँचता है—तो भले ही आपने उसे खुद नहीं भेजा—आपने “प्रवेश का कारण” तो बनाया ही।

मामला: M/s United Spirits Ltd. बनाम मध्य प्रदेश राज्य व अन्य


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