📄 RealEstateScam: सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डर-बैंक गठजोड़ और होमबायर्स धोखाधड़ी मामले में CBI को छह और FIR दर्ज करने की अनुमति दी। कोर्ट ने कहा कि प्रारंभिक जांच में संज्ञेय अपराध सामने आया है।
सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डर-बैंक गठजोड़ मामले में CBI को छह और FIR दर्ज करने की अनुमति दी
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बिल्डर-बैंक गठजोड़ और हाउसिंग लोन धोखाधड़ी से जुड़े मामले में सीबीआई को छह और मामले दर्ज करने की अनुमति दे दी।
न्यायमूर्ति सूर्या कांत, न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने यह आदेश तब पारित किया जब सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने अदालत को सूचित किया कि एजेंसी ने दिल्ली-एनसीआर से बाहर मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता, मोहाली और प्रयागराज में बिल्डरों की परियोजनाओं पर प्रारंभिक जांच पूरी कर ली है (सुपरटेक लिमिटेड को छोड़कर)।
सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही
सीबीआई ने अदालत को बताया कि प्रारंभिक जांच के बाद संज्ञेय अपराध (cognisable offence) का मामला सामने आया है। इसे ध्यान में रखते हुए शीर्ष अदालत ने एजेंसी को विधि अनुसार एफआईआर दर्ज करने और आगे की जांच करने की अनुमति दी।
मामला क्या है?
यह आदेश उन याचिकाओं के समूह में पारित किया गया जो 1,200 से अधिक गृह खरीदारों ने दायर की थीं। याचिकाओं में आरोप लगाया गया था कि विभिन्न हाउसिंग परियोजनाओं में बिल्डरों और वित्तीय संस्थानों की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर घर खरीदारों को ठगा गया।
गौरतलब है कि अप्रैल 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को सात अलग-अलग प्रारंभिक जांच (preliminary enquiries) करने का निर्देश दिया था। अदालत ने उस समय इस पूरे मामले को “अशुद्ध गठजोड़” (unholy nexus) करार दिया था।
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