कलकत्ता HC : विवाह का वादा, भले ही पूरा न हुआ हो, धोखाधड़ी नहीं माना जाएगा, बशर्ते यौन संबंध सहमति से और बिना किसी छल के बनाए गए हों

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यौन संबंधों के लिए सहमति देने वाले मामले में उचित सबूत के बिना अपीलकर्ता द्वारा पीड़िता की ओर से प्रग्नेंट होने का ‘केवल दावा’ किसी व्यक्ति को दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त नहीं है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने प्रतुत मामले में अपीलकर्ता पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार), 493 (विवाह का छलपूर्ण वादा … Read more