‘Land for Jobs’ scam: Supreme Court gives a jolt to Lalu Yadav, refuses to stay proceedings of framing of charges in trial court
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। बुधवार को जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने “लैंड फॉर जॉब्स” घोटाले में ट्रायल कोर्ट की चार्ज फ्रेमिंग (आरोप तय करने) की प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
पीठ ने साफ कहा कि चार्ज फ्रेमिंग की कार्यवाही से दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित याचिका “निरर्थक (infructuous)” नहीं हो जाएगी।
🧑⚖️ CBI की ओर से कड़ा विरोध
सुनवाई के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) एस.वी. राजू, जो जांच एजेंसी CBI की ओर से पेश हुए, उन्होंने लालू यादव की याचिका का कड़ा विरोध किया।
उन्होंने अदालत से याचिका दाखिल करने पर लालू पर जुर्माना (costs) लगाने की मांग भी की, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया।
⚖️ पहले भी ट्रायल पर रोक से इनकार
इससे पहले, 18 जुलाई को भी सुप्रीम कोर्ट ने लालू यादव की उस याचिका पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था जिसमें उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा ट्रायल पर रोक लगाने से इंकार किए जाने को चुनौती दी थी।
📜 हाईकोर्ट में क्या हुआ था?
दिल्ली हाईकोर्ट ने 29 मई 2025 को लालू यादव की याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें उन्होंने ट्रायल पर रोक की मांग की थी।
हाईकोर्ट ने यह कहते हुए ट्रायल रोकने से इनकार कर दिया कि “इस मामले में कार्यवाही पर रोक लगाने का कोई ठोस कारण नहीं है।”
हालांकि, हाईकोर्ट ने CBI को नोटिस जारी करते हुए FIR रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के लिए 12 अगस्त 2025 की तारीख तय की है।
🕵️♀️ CBI का आरोप क्या है?
- CBI ने 18 मई 2022 को मामला दर्ज किया था।
- आरोप है कि 2004 से 2009 के बीच, जब लालू यादव रेल मंत्री थे, उन्होंने रेल मंत्रालय में Group D की नौकरियों के बदले अपनी फैमिली के नाम जमीन ट्रांसफर करवाई।
- इन नियुक्तियों के लिए कोई सार्वजनिक विज्ञापन जारी नहीं किया गया और रेलवे के नियमों की अनदेखी की गई।
- सीबीआई चार्जशीट में लालू यादव, उनके परिवार के सदस्य, और 77 अन्य लोग, जिनमें 38 नौकरी पाने वाले भी शामिल हैं, नामजद किए गए हैं।
🔍 अब आगे क्या?
अब यह मामला दो मोर्चों पर चल रहा है — एक तरफ ट्रायल कोर्ट में आरोप तय होने की कार्यवाही जारी रहेगी, वहीं दूसरी तरफ हाईकोर्ट में FIR रद्द करने की याचिका पर 12 अगस्त को सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि लालू प्रसाद यादव को ट्रायल कोर्ट में मुकदमे का सामना करना होगा। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के इस गंभीर मामले में न्यायिक प्रक्रिया अब तेज़ी से आगे बढ़ सकती है।
