सुप्रीम कोर्ट ने अग्रिम जमानत आदेश अपलोड न होने पर कड़ा कदम उठाते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट सचिव की स्टेनो बुक जब्त करने और गुप्त जांच कराने का आदेश दिया। मामला Ajay Maini v. State of Haryana (SLP Criminal Diary No. 45855/2025) से जुड़ा है।
‘SC सख्त: अग्रिम जमानत आदेश अपलोड न करने पर HC सचिव की स्टेनो बुक जब्त, जांच के आदेश‘
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका पर पारित आदेश को वेबसाइट पर अपलोड न करने के मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए हाईकोर्ट जज के सचिव की स्टेनो बुक जब्त करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, आदेश टाइप और सुधार की वास्तविक तारीख का पता लगाने के लिए गुप्त जांच करने और NIC से टाइपिंग व अपलोडिंग संबंधी रिपोर्ट तलब करने का आदेश भी दिया गया।
मामला अजय मैनी बनाम स्टेट ऑफ हरियाणा [SLP (Criminal) Diary No. 45855/2025] से जुड़ा है। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में यह कहते हुए विशेष अनुमति याचिका (SLP) दायर की कि 31 जुलाई 2025 को पारित कथित आदेश हाईकोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड ही नहीं किया गया।
16 अगस्त 2025 को पहली बार जब यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के समक्ष आई, तो याचिकाकर्ता ने बिना प्रमाणित प्रति के केवल साधारण प्रति दाखिल करने की अनुमति मांगी थी। 20 अगस्त को सुनवाई के दौरान भी पाया गया कि आदेश वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है। इस पर कोर्ट ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से रिपोर्ट तलब की।
रिपोर्ट देखने के बाद सुप्रीम कोर्ट की बेंच (न्यायमूर्ति जे.के. महेश्वरी और न्यायमूर्ति विजय विष्णोई) ने पाया कि आदेश वास्तव में 31 जुलाई को पारित नहीं किया गया था, बल्कि संभवतः सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद पारित किया गया। इस पर कोर्ट ने सचिव की स्टेनो बुक जब्त करने और नोटिस जारी करने का आदेश दिया।
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