सावरकर टिप्पणी मामला: राहुल गांधी को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने समन पर रोक बढ़ाई

Savarkar comment case: Relief to Rahul Gandhi, Supreme Court extends stay on summons

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ जारी समन पर अपनी अंतरिम रोक को आगे बढ़ा दिया है। यह समन राहुल गांधी द्वारा वर्ष 2022 में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान दिए गए वी.डी. सावरकर से संबंधित कथित आपत्तिजनक बयानों पर जारी किया गया था।

जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने मामले की सुनवाई चार सप्ताह के लिए स्थगित करते हुए शिकायतकर्ता अधिवक्ता नृपेन्द्र पांडे को जवाब दाखिल करने की अनुमति दी है। साथ ही, राहुल गांधी को भी उसके बाद दो सप्ताह के भीतर प्रत्युत्तर दाखिल करने की छूट दी गई

🔸 उत्तर प्रदेश सरकार का पक्ष:

उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर राहुल गांधी की याचिका का विरोध किया है। सरकार ने कहा कि न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मामले की जांच रिपोर्ट, साक्ष्यों और बयानों का समुचित परीक्षण कर समन जारी किया और यह आदेश धारा 153A और 505 IPC के तहत प्रथमदृष्टया अपराध को दर्शाता है।

सरकार ने यह भी आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने अपने बयान से “सोची-समझी साजिश के तहत समाज में घृणा फैलाने का प्रयास किया” और उनके खिलाफ की गई कार्यवाही में सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।

🔸 पृष्ठभूमि:

  • 12 दिसंबर 2024 को लखनऊ के एक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने राहुल गांधी को समन जारी किया था।
  • शिकायत में आरोप था कि गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि “सावरकर ब्रिटिश सरकार के नौकर थे और उनसे पेंशन लेते थे।
  • 4 अप्रैल 2025 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समन रद्द करने की मांग ठुकरा दी थी और कहा था कि गांधी सेशंस कोर्ट में पुनरावलोकन याचिका दाखिल कर सकते हैं।
  • 25 अप्रैल 2025 को, सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के समन पर अंतरिम रोक लगाते हुए गांधी को भविष्य में स्वतंत्रता सेनानियों पर अपमानजनक टिप्पणियों से बचने की सख्त हिदायत दी थी
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🔸 विवाद की जड़:

अधिवक्ता नृपेन्द्र पांडे ने राहुल गांधी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने जानबूझकर समाज में वैमनस्य फैलाने के उद्देश्य से विनायक दामोदर सावरकर को ब्रिटिश सरकार का पेंशनधारी और नौकर कह कर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का अपमान किया है।

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