दिल्ली हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति दिनेश मेहता, अवनीश झिंगन और चंद्रशेखरन सुधा ने न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। सीजे देवेंद्र कुमार उपाध्याय की अध्यक्षता में समारोह संपन्न हुआ। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश पर तीनों का तबादला किया गया था।
दिल्ली हाईकोर्ट में तीन नए जजों ने संभाली जिम्मेदारी — राजस्थान, हरियाणा और केरल हाईकोर्ट से हुआ ट्रांसफर
⚖️ दिल्ली हाईकोर्ट में तीन नए न्यायाधीशों ने ली शपथ, न्यायिक विविधता और अनुभव को मिला नया आयाम
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर 2025:
दिल्ली हाईकोर्ट की न्यायिक शक्ति और विविधता को सशक्त बनाते हुए मंगलवार को न्यायमूर्ति दिनेश मेहता, न्यायमूर्ति अवनीश झिंगन और न्यायमूर्ति चंद्रशेखरन सुधा ने न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।
शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन दिल्ली हाईकोर्ट परिसर में किया गया, जिसकी अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय (Chief Justice D.K. Upadhyaya) ने की। इस अवसर पर अदालत के वरिष्ठ न्यायाधीश, वरिष्ठ अधिवक्ता, दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सदस्य, नवनियुक्त न्यायाधीशों के परिजन और कानूनी समुदाय के अन्य विशिष्ट सदस्य उपस्थित रहे।
🏛️ मुख्य न्यायाधीश ने स्वागत किया, कहा — “नई ऊर्जा और दृष्टिकोण से न्याय व्यवस्था मजबूत होगी”
शपथ ग्रहण के दौरान मुख्य न्यायाधीश उपाध्याय ने तीनों नए न्यायाधीशों का स्वागत करते हुए कहा कि उनकी नियुक्ति से दिल्ली हाईकोर्ट की न्यायिक क्षमता और प्रशासनिक दक्षता में और मजबूती आएगी।
उन्होंने कहा,
“विभिन्न न्यायिक पृष्ठभूमि से आए न्यायाधीश न्याय प्रणाली में विविधता, अनुभव और संतुलन लाते हैं। इससे न्याय वितरण की गुणवत्ता में वृद्धि होती है।”
📜 केंद्र सरकार ने जारी की अधिसूचना
कानून और न्याय मंत्रालय ने हाल ही में जारी अधिसूचना में बताया था कि राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 222(1) के तहत, भारत के मुख्य न्यायाधीश की परामर्श से इन तीनों न्यायाधीशों के ट्रांसफर को मंजूरी दी है।
अधिसूचना के अनुसार —
“राष्ट्रपति, संविधान के अनुच्छेद (1) 222 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारत के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श के बाद, न्यायमूर्ति दिनेश मेहता और न्यायमूर्ति अवनीश झिंगन को राजस्थान हाईकोर्ट से तथा न्यायमूर्ति चंद्रशेखरन सुधा को केरल हाईकोर्ट से दिल्ली हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने का निर्णय लेते हैं।”
⚖️ सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश पर हुआ ट्रांसफर
इन नियुक्तियों का आधार 27 अगस्त, 2025 को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की बैठक में लिया गया निर्णय है, जिसकी अध्यक्षता तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई ने की थी।
उसी बैठक में न्यायमूर्ति अरुण मोंगा और तारा वितस्ता गंजू को क्रमशः दिल्ली हाईकोर्ट से राजस्थान और कर्नाटक हाईकोर्ट स्थानांतरित करने की सिफारिश भी की गई थी।
दोनों न्यायाधीशों को सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट के फुल कोर्ट द्वारा औपचारिक विदाई दी गई।
⚖️ नए न्यायाधीशों का प्रोफाइल
- न्यायमूर्ति दिनेश मेहता: राजस्थान हाईकोर्ट से स्थानांतरित, संवैधानिक और दीवानी मामलों के विशेषज्ञ माने जाते हैं।
- न्यायमूर्ति अवनीश झिंगन: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से स्थानांतरित, प्रशासनिक कानून और आपराधिक न्यायशास्त्र में निपुण।
- न्यायमूर्ति चंद्रशेखरन सुधा: केरल हाईकोर्ट से आईं, महिलाओं और बच्चों से संबंधित मामलों में संवेदनशील न्याय के लिए प्रसिद्ध।
🏛️ दिल्ली हाईकोर्ट की संरचना में बड़ा बदलाव
इस न्यायिक फेरबदल के बाद दिल्ली हाईकोर्ट की वरिष्ठता संरचना (Seniority Pattern) में भी उल्लेखनीय परिवर्तन हुआ है। अब अदालत के शीर्ष 10 वरिष्ठ न्यायाधीशों में से 6 न्यायाधीश अन्य हाईकोर्ट्स से स्थानांतरित होकर आए हैं।
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि इस बदलाव से अदालत की प्रशासनिक समितियों, विशेषकर जनरल सुपरविजन और एडमिनिस्ट्रेटिव कमेटी की संरचना पर भी प्रभाव पड़ेगा।
🧩 निष्कर्ष
इन तीनों न्यायाधीशों का दिल्ली हाईकोर्ट में शामिल होना न्यायिक अनुभव, क्षेत्रीय विविधता और निर्णय की गहराई के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम न केवल अदालत की कार्यकुशलता बढ़ाएगा, बल्कि न्यायिक प्रशासन में पारदर्शिता और समानता को भी प्रोत्साहित करेगा।
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