फर्रुखाबाद की एसपी आरती सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में माफी मांगी, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें प्रयागराज छोड़ने की अनुमति दी। मामला अदालत की अवमानना से जुड़ा था, जिसमें उन्हें पूर्व में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश मिला था।
फर्रुखाबाद की SP आरती सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में मांगी माफी, कोर्ट ने दी प्रयागराज छोड़ने की अनुमति
⚖️ इलाहाबाद हाईकोर्ट के सामने फर्रुखाबाद की SP आरती सिंह ने मांगी माफी, कोर्ट ने दी राहत
फर्रुखाबाद की पुलिस अधीक्षक (SP) आरती सिंह ने गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष लिखित और मौखिक रूप से माफी मांगी। अदालत ने उनकी माफी स्वीकार करते हुए उन्हें प्रयागराज छोड़ने की अनुमति दे दी।
यह मामला एक अवमानना याचिका से जुड़ा था, जिसमें अदालत ने आरती सिंह को पहले व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया था। अदालत के आदेश की अनुपालना में वह प्रयागराज में मौजूद थीं।
🏛️ मामला क्या था?
सूत्रों के अनुसार, यह मामला एक न्यायिक आदेश की अवमानना से संबंधित था। अदालत ने इससे पहले आदेश दिया था कि संबंधित अधिकारी अदालत के निर्देशों का पालन करें और अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
हालांकि, कथित रूप से आदेश का पालन समय पर न होने पर SP आरती सिंह को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया गया।
हाईकोर्ट की पीठ ने इस दौरान सख्त रुख अपनाते हुए स्पष्ट किया था कि किसी भी अधिकारी को अदालत के आदेशों की अवहेलना करने की छूट नहीं दी जा सकती।
🙏 आरती सिंह की माफी पर कोर्ट का रुख नरम
सुनवाई के दौरान SP आरती सिंह ने अदालत से बिना शर्त माफी मांगी और आश्वासन दिया कि भविष्य में वह न्यायालय के आदेशों का पूर्ण सम्मान करेंगी।
उनके इस रुख को देखते हुए अदालत ने कहा कि अधिकारी ने अपने व्यवहार पर खेद जताया है और न्यायालय की गरिमा को बनाए रखने का संकल्प व्यक्त किया है।
इसके बाद पीठ ने उन्हें प्रयागराज छोड़ने की अनुमति दी, जहां वे अदालत के आदेश के तहत व्यक्तिगत रूप से उपस्थित थीं।
⚖️ कोर्ट की टिप्पणी
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि “न्यायालय की अवमानना किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं की जा सकती, लेकिन यदि कोई अधिकारी अपनी गलती स्वीकार करता है और खेद व्यक्त करता है, तो न्यायालय उदार दृष्टिकोण अपनाता है।”
यह टिप्पणी न केवल न्यायपालिका की गरिमा को रेखांकित करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि अदालत जवाबदेही और सुधार दोनों के सिद्धांतों पर काम करती है।
🧩 कानूनी महत्व
यह मामला इस बात का प्रतीक है कि राज्य के उच्च पुलिस अधिकारी भी न्यायालय के आदेशों से ऊपर नहीं हैं।
साथ ही यह भी स्पष्ट संदेश देता है कि अदालत के प्रति सम्मान और पारदर्शिता दिखाने पर न्यायपालिका उदारता भी बरत सकती है।
📌 निष्कर्ष:
फर्रुखाबाद की SP आरती सिंह का माफी मांगना और अदालत द्वारा प्रयागराज छोड़ने की अनुमति देना यह दर्शाता है कि न्यायिक प्रक्रिया में आत्मस्वीकृति और जिम्मेदारी दोनों महत्वपूर्ण हैं।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक बार फिर यह संदेश दिया है कि कानून का शासन सर्वोपरि है — चाहे वह किसी भी पद पर आसीन व्यक्ति क्यों न हो।
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