राजा रघुवंशी हत्याकांड के सह-आरोपी सिलॉम जेम्स को न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दी जमानत

Judicial Magistrate granted bail to Silom James, co-accused in Raja Raghuvanshi murder case

राजा रघुवंशी हत्याकांड में सह-आरोपी सिलॉम जेम्स को प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट डीकेके मिहसिल ने नियमित जमानत (Regular Bail) दे दी है। इंदौर के अधिवक्ता देवेश शर्मा ने आरोपी की ओर से पक्ष रखते हुए तर्क दिया कि “हमारा इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है”

कोर्ट ने 5,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत मंज़ूर की।


🔍 पृष्ठभूमि: हत्या, बयान और धार्मिक भावना को ठेस

इस मामले की पृष्ठभूमि कहीं अधिक जटिल और संवेदनशील है। 3 जुलाई 2025 को गुवाहाटी पुलिस की क्राइम ब्रांच ने राजा रघुवंशी की बहन श्रृष्टि रघुवंशी और एक न्यूज़ एंकर को समन जारी किया था। आरोप था कि एक टीवी साक्षात्कार के दौरान माँ कामाख्या मंदिर के विरुद्ध अपमानजनक एवं तथ्यहीन बयान दिए गए, जिससे जन भावनाएं आहत हुईं।

गुवाहाटी शहर के संयुक्त पुलिस आयुक्त अंकुर जैन ने बताया:

“इस विषय में अपराध शाखा थाना, गुवाहाटी में मामला क्रमांक 04/2025, धारा 196(2)/299/302 बीएनएसएस, 2023 के तहत दर्ज किया गया है।”

पुलिस के अनुसार, धारा 35(3) BNSS के तहत नोटिस दिनांक 13 जून 2025 को न्यूज़ एंकर, संबंधित चैनल और श्रृष्टि रघुवंशी को भेजा गया था, जिसमें उन्हें 23 व 24 जून को उपस्थित होने के लिए कहा गया था। लेकिन वे अभी तक जांच अधिकारी के समक्ष पेश नहीं हुए हैं


📺 क्या था विवादित बयान?

पुलिस का आरोप है कि न्यूज़ चैनल के एक इंटरव्यू में, एंकर ने माँ कामाख्या मंदिर के संबंध में भ्रामक और अपमानजनक बातें कही, जिन्हें श्रृष्टि रघुवंशी ने समर्थन दिया। पुलिस के अनुसार:

“यह बयान हिंदू धर्म की श्रद्धेय देवी कामाख्या के मंदिर के खिलाफ हैं, जिससे एक विशिष्ट समुदाय की धार्मिक भावना को ठेस पहुंची है और सामाजिक सौहार्द प्रभावित हुआ है।”

कामाख्या मंदिर असम के गुवाहाटी में स्थित है और इसे शक्तिपीठों में से एक सबसे पवित्र स्थल माना जाता है

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⚖️ अदालती स्थिति और अगला कदम

  • सिलॉम जेम्स को जमानत मिलने के बाद, अब ध्यान श्रृष्टि रघुवंशी और टीवी एंकर की भूमिका पर केंद्रित है।
  • पुलिस उनके गैर-हाज़िर रहने को गंभीर मान रही है और आने वाले दिनों में कठोर कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।

यदि वे समन के बाद भी उपस्थित नहीं होते हैं, तो गिरफ्तारी वारंट, LOC (Look Out Circular) या गिरफ्तारी की कार्रवाई हो सकती है।


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