बांग्लादेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश खायरुल हक भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार

Former Bangladesh Chief Justice Khairul Haque arrested on corruption charges

ढाका: बांग्लादेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एबीएम खायरुल हक को गुरुवार सुबह ढाका के धानमंडी स्थित उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया गया। डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) पुलिस की एक टीम ने उन्हें सुबह करीब 8 बजे हिरासत में लिया।

डीबी पुलिस के संयुक्त आयुक्त नसीरुल इस्लाम ने गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए समाचार एजेंसी को बताया:

“हां, हमने उन्हें गिरफ्तार किया है। उनके खिलाफ तीन मामले दर्ज हैं।”

हालाँकि, इस्लाम ने इन मामलों के विस्तृत विवरण साझा नहीं किए।

⚖️ पृष्ठभूमि: विवादित न्यायिक निर्णय और भ्रष्टाचार के आरोप

पूर्व मुख्य न्यायाधीश खायरुल हक के विरुद्ध भ्रष्टाचार और न्यायिक निर्णयों में हेराफेरी के आरोप हैं।

कब-कब और किसने केस दर्ज किए?

  • 15 अगस्त 2025 को, नारायणगंज की फतुल्ला पुलिस स्टेशन में पहला मामला फतुल्ला थाना बीएनपी के महासचिव और नारायणगंज जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल बारी भुइयां ने दर्ज कराया।
  • 18 अगस्त 2025 को दूसरा मामला शाहबाग पुलिस स्टेशन में वरिष्ठ अधिवक्ता मुजाहिदुल इस्लाम शाहीन द्वारा दायर किया गया।

📜 आरोप क्या हैं?

भुइयां ने अपने मामले में आरोप लगाया है कि खायरुल हक ने 13वें संवैधानिक संशोधन को असंवैधानिक घोषित करने वाले ऐतिहासिक फैसले में जालसाजी और मूल निर्णय में हेरफेर की। यह वही फैसला था जिसने ‘कार्यवाहक सरकार प्रणाली’ (Caretaker Government System) को समाप्त कर दिया था, जिसे बांग्लादेश में निष्पक्ष आम चुनावों की निगरानी के लिए लागू किया गया था।

खायरुल हक ने 1 अक्टूबर 2010 से 17 मई 2011 तक बांग्लादेश के 19वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया।
10 मई 2011 को उनकी अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट की अपीलीय पीठ ने वह निर्णय सुनाया, जिसे देश में अब तक सबसे विवादास्पद न्यायिक फैसलों में से एक माना जाता है।

ALSO READ -  सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने छह हाई कोर्ट के लिए न्यायाधीशों की नियुक्ति की सिफारिश की

🏛️ राजनीतिक पृष्ठभूमि: अंतरिम सरकार की कार्रवाई

पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार को अगस्त 2024 में छात्र आंदोलन के ज़रिये अपदस्थ कर दिया गया था। उसके बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का गठन हुआ, जिसने पूर्व सत्ता से जुड़े कई प्रभावशाली लोगों—राजनेताओं, नौकरशाहों, पुलिस अधिकारियों और न्यायिक पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की।

पूर्व मुख्य न्यायाधीश खायरुल हक की गिरफ्तारी इसी व्यापक अभियान का हिस्सा मानी जा रही है।

Leave a Comment