इलाहाबाद HC का ट्रायल कोर्ट को निर्देश, अदालत अपने न्यायिक क्षेत्र से बाहर के गवाहों/ सरकारी कर्मचारियों के बयान को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी करें रिकार्ड

इलाहाबाद हाईकोर्ट Allahabad High Court ने गवाहों के बयान को वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए रिकार्ड करने के निर्देश दिए है. ट्रायल कोर्ट को दिए निर्देश में कहा कि अदालत अपने न्यायिक क्षेत्र से बाहर के गवाहों/ सरकारी कर्मचारियों के बयान को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) के माध्यम से भी रिकार्ड करें. बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में गाजियाबाद जिला अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा नहीं होने पर चिंता जताई थी, अब उच्च न्यायालय ने राज्य के डीजीपी और एसपी (जिला पुलिस प्रमुख) को साक्ष्यों को रिकार्ड करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिग (Video Conferencing) का प्रयोग करने के निर्देश दिए है.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए रिकार्ड करे गवाहों के बयान-

न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान की सिंगल-जज बेंच ने ये फैसला सुनाया है. बेंच ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत की न्यायिक क्षेत्र से बाहर कार्यरत गवाहों/सरकारी सेवकों के बयान को वीसी के जरिए रिकार्ड करने का आदेश दिया है.

बेंच ने कहा की “एएसपी और एसपी सुनिश्चित करेंगे कि उन गवाहों/सरकारी सेवकों के बयान को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रिकार्ड करने के लिए अदालत के समक्ष आवेदन करें, जो किसी अन्य जिलें या अदालत की न्यायिक क्षेत्र से बाहर हों.”

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अदालतों को भी निर्देश देते हुए कहा कि वे इन माध्यमों के प्रयोग को सुनिश्चित करें जिससे अन्य जिलों में कार्यरत सरकारी कर्मचारी की कम-से- कम भागदौड़ हो और उनके बयान भी दर्ज हो जाए.

गाजियाबाद अदालत का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर जबाव-

इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा गाजियाबाद कोर्ट में वीसी की सुविधा नहीं होने पर सख्त कारवाई करने की चेतावनी दी थी. अब कोर्ट ने प्रतिक्रिया दिया कि अदालत के पास वीसी की सुविधा मौजूद है. वहीं, राज्य के अदालतों में वीसी के प्रयोग पर जारी केन्द्रीय समन्वय परियोजना (Central Coordinator Project) रिपोर्ट भी उच्च न्यायालय के सामने पेश किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, गाजियाबाद कोर्ट में अन्य अदालतों की तुलना में वीसी का प्रयोग कम हैं.

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यूपी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग नियम, 2020: यूपी वीसी रूल्स, 2020 के अनुसार, राज्य की अदालत की कार्यवाही में वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के प्रयोग की इजाजत दी गई है.

प्रतुत मामले की अगली सुनवाई 18 अप्रैल, 2024 तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.