बॉम्बे हाईकोर्ट: TET/CTET योग्यता 2019 की कट-ऑफ के बाद पाने वाले शिक्षक भी सेवा जारी रख सकते हैं, ट्रांसफर पर रोक आदेश रद्द


बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि जो शिक्षक 31-3-2019 की कट-ऑफ के बाद लेकिन सुप्रीम कोर्ट के Anjuman Trust केस (1-9-2025) से पहले TET/CTET पास कर चुके हैं, वे सेवा जारी रख सकते हैं। कोर्ट ने ट्रांसफर पर रोक आदेश रद्द करते हुए नए आदेश पास करने का निर्देश दिया।

बॉम्बे हाईकोर्ट: TET/CTET योग्यता 2019 की कट-ऑफ के बाद पाने वाले शिक्षक भी सेवा जारी रख सकते हैं, ट्रांसफर पर रोक आदेश रद्द

बॉम्बे हाईकोर्ट ने उन शिक्षकों को राहत दी है जिन्होंने 31 मार्च 2019 की कट-ऑफ के बाद लेकिन सुप्रीम कोर्ट के Anjuman Trust केस (1 सितंबर 2025) से पहले TET/CTET परीक्षा पास की थी। अदालत ने कहा कि ऐसे शिक्षक सेवा जारी रख सकते हैं और उनके ट्रांसफर पर रोक नहीं लगाई जा सकती।

न्यायमूर्ति रविंद्र वी. घुगे और न्यायमूर्ति गौतम ए. अंकहद की खंडपीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के Anjuman Trust फैसले में यह स्पष्ट नहीं था कि ऐसे शिक्षकों का क्या होगा जिन्होंने योग्यता देर से प्राप्त की, लेकिन अंतिम निर्णय से पहले। इसलिए कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जिन्होंने 1 सितंबर 2025 से पहले CTET/TET पास किया है, उन्हें सेवा में बने रहने और प्रमोशन का अधिकार है।

पृष्ठभूमि

  • याचिकाकर्ता शिक्षक 2013 में बिना TET योग्यता के नियुक्त हुए थे।
  • दोनों ने 2021 में CTET परीक्षा पास की।
  • महाराष्ट्र सरकार ने TET अनिवार्य कर 31-3-2019 की कट-ऑफ तय की थी।
  • कट-ऑफ तक योग्यता न पाने वाले शिक्षकों को सेवा से हटाया जा सकता था।
  • Anjuman Trust केस में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जिनके रिटायरमेंट में 5 साल से कम हैं, उन्हें योग्यता की ज़रूरत नहीं; बाकी को 2 साल का समय दिया गया।
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कोर्ट का निर्णय

हाईकोर्ट ने कहा कि 2019 की कट-ऑफ के बाद CTET/TET पास करने वाले शिक्षक भी यदि 1 सितंबर 2025 से पहले योग्य बन गए, तो वे सेवा जारी रख सकते हैं।

अदालत ने आदेश दिया कि—

  • ट्रांसफर पर लगी रोक हटाई जाए।
  • संबंधित अधिकारियों को नए आदेश पारित करने होंगे।
  • CTET और TET को समान माना जाएगा।
  • 2019 के TET परीक्षा घोटाले में शामिल उम्मीदवारों की जाँच व्यक्तिगत आधार पर होगी।

इस प्रकार, अदालत ने याचिकाकर्ताओं के पक्ष में फैसला देते हुए उनके ट्रांसफर की मंजूरी बहाल की।

मामला: Sagar Dattatray Chorghe v. State of Maharashtra, W.P. No. 7943 of 2024, निर्णय दिनांक: 11-9-2025

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