दिल्ली हाईकोर्ट में छह नए न्यायाधीशों ने ली शपथ, अब कुल संख्या हुई 40; प्रशासनिक और न्यायिक संरचना में बड़ा फेरबदल

Six new judges took oath in Delhi High Court, now total number is 40

सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में छह नए न्यायाधीशों ने शपथ ली, जिससे अदालत में कार्यरत न्यायाधीशों की कुल संख्या बढ़कर 40 हो गई, जो कि उसकी स्वीकृत सीमा 60 न्यायाधीशों से अब भी 20 कम है। लंबे समय से न्यायिक पदों की कमी से जूझ रहे उच्च न्यायालय को इससे एक महत्वपूर्ण सशक्तिकरण मिला है।

शपथ लेने वाले न्यायाधीश

मुख्य न्यायाधीश डी.के. उपाध्याय ने जिन न्यायाधीशों को शपथ दिलाई, उनके नाम हैं:

  • न्यायमूर्ति वी. कामेश्वर राव
  • न्यायमूर्ति नितिन वासुदेव सांबरे
  • न्यायमूर्ति विवेक चौधरी
  • न्यायमूर्ति अनिल क्षेत्रपाल
  • न्यायमूर्ति अरुण कुमार मोंगा
  • न्यायमूर्ति ओमप्रकाश शुक्ला

इन नियुक्तियों को भारत सरकार द्वारा एक सप्ताह पूर्व स्वीकृति प्रदान की गई थी। इन नामों की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने 26 मई 2025 को की थी, जिसके अध्यक्ष मुख्य न्यायाधीश भूषण आर. गवई थे, और सदस्य थे न्यायमूर्ति सूर्यकांत, विक्रम नाथ, जे.के. माहेश्वरी एवं बी.वी. नागरत्ना।

ट्रांसफर और पुनः प्रतिनियुक्ति की पृष्ठभूमि

  • न्यायमूर्ति वी. कामेश्वर राव को कर्नाटक हाईकोर्ट से दिल्ली में पुनः प्रतिनियुक्त किया गया है।
  • न्यायमूर्ति नितिन सांबरे को बॉम्बे हाईकोर्ट से स्थानांतरित किया गया है।
  • न्यायमूर्ति विवेक चौधरी एवं ओमप्रकाश शुक्ला को इलाहाबाद हाईकोर्ट से, न्यायमूर्ति अनिल क्षेत्रपाल को पंजाब एवं हरियाणा, तथा न्यायमूर्ति अरुण कुमार मोंगा को राजस्थान हाईकोर्ट से दिल्ली भेजा गया है।

वरिष्ठता और कोलेजियम में फेरबदल

इन नियुक्तियों से न केवल कोर्ट की न्यायिक कार्यक्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि वरिष्ठता क्रम और कोलेजियम संरचना में भी महत्वपूर्ण बदलाव आया है।

  • पूर्व में दिल्ली हाईकोर्ट कोलेजियम में न्यायमूर्ति उपाध्याय, न्यायमूर्ति विभू बखरू (अब कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश) और न्यायमूर्ति प्रतिभा सिंह शामिल थे।
  • अब नया कोलेजियम मुख्य न्यायाधीश उपाध्याय, न्यायमूर्ति वी. कामेश्वर राव और न्यायमूर्ति नितिन सांबरे से मिलकर बनेगा।
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वरिष्ठता क्रम में न्यायमूर्ति राव अब मुख्य न्यायाधीश के बाद सर्वाधिक वरिष्ठ न्यायाधीश होंगे, जिनका दिल्ली हाईकोर्ट में प्रारंभिक पदस्थापन वर्ष 2013 में हुआ था। उनके बाद न्यायमूर्ति सांबरे (2014), फिर न्यायमूर्ति विवेक चौधरी होंगे। न्यायमूर्ति प्रतिभा सिंह और नवीन चावला को क्रमश: चौथा और पांचवां स्थान मिला है।

पीठ संरचना और केस एलोकेशन में बड़ा बदलाव

न्यायमूर्ति राव, सांबरे, चौधरी और क्षेत्रपाल को अब आठ डिवीजन बेंचों में से चार की अध्यक्षता सौंपी गई है। यह संख्या पूर्व में छह थी। न्यायमूर्ति ओमप्रकाश शुक्ला को न्यायमूर्ति सी. हरि शंकर के साथ साझा पीठ पर नियुक्त किया गया है।

आपराधिक मामलों की सुनवाई करने वाले न्यायाधीशों की संख्या भी आठ से बढ़कर नौ हो गई है। न्यायमूर्ति अरुण कुमार मोंगा इनमें से एक क्रिमिनल बेंच की अध्यक्षता करेंगे।

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